राजनांदगांव. छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में अदालत ने ग्रामीण को अदालत उठने तक की सजा सुनाई. रेलवे सुरक्षा बल के अधिकारियों ने मंगलवार यहां बताया कि विशेष रेलवे मजिस्ट्रेट विजेंद्र सोनवानी की अदालत ने रेलवे फाटक को नुकसान पहुंचाने के आरोप में नारद राम यादव (32) को अदालत उठने तक की सजा सुनाई.
अधिकारियों ने बताया कि यादव पर आरोप था कि उसने 12 जून वर्ष 2018 को अपनी मोटरसाइकिल से बंद रेलवे फाटक को टक्कर मारकर रेल प्रशासन को पांच हजार रूपए का नुकसान पहुंचाया. उन्होंने बताया कि घटना के बाद आरपीएफ ने यादव के खिलाफ मामला दर्ज करके उसे गिरफ्तार कर लिया. वहीं, यादव का वाहन भी जब्त कर लिया गया. मामले की जांच के बाद अदालत में यादव के खिलाफ परिवाद-पत्र प्रस्तुत किया गया.
अधिकारियों ने बताया कि मामले की सुनवाई के बाद अदालत ने सोमवार को इस मामले में अपना फैसला सुनाया. अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियुक्त के अधिवक्ता ने प्रथम अपराध होने और अपराध की प्रकृति के आधार पर न्यूनतम दण्ड से दण्डित करने की याचना की है. वहीं अभियुक्त रेलवे को हुई क्षति को अदा करने के लिए तैयार है.
फैसले में कहा गया है कि अभियुक्त कोई आदतन अपराधी नहीं है, संभवतः उसके खिलाफ यह पहला अपराध है. अपराध सामाजिक घृणा पैदा करने वाला नहीं है, बल्कि उपेक्षा के कारण रेलवे को क्षति पहुंची है. वहीं यह मामला ऐसा भी नहीं है कि अभियुक्त के कारण कोई रेल दुर्घटना होते-होते बची हो. इसलिए सभी तथ्य और परिस्थितियों को देखते हुए आरोपी को धारा 160 (बी) रेल अधिनियम के अपराध के आरोप में अदालत उठने तक की सजा से दण्डित किया जाता है. अदालत ने यादव को पांच हजार रुपये जुर्माना अदा करने के लिए भी कहा. जुर्माना नहीं देने पर दो माह कारवास की सजा का प्रावधान है. अदालत ने जुर्माने की राशि रेलवे को देने का आदेश दिया है.